स्वागत

एक भगवान जिसका नाम "सत्य", ~सत नाम, गुरू की कृपा से प्राप्त किया जा सकता हैं

धन्य धन्य पारब्रहम परमेश्वर , धन्य धन्य गुर,गुरु,गुरबानी,गुर संगत

प्रिय सतगुरु के प्यारो,

अनगिनत प्रणाम स्वीकार करें । भगवान आपको पूरण ब्रहमज्ञान को ज्ञात करने का आशीर्वाद दे ।महान,महान परम निर्गुण पिता और महान गुरूजी का बहुत शुकराना,  की हम आप तक पहुँच पाए हैं।

यह वेबसाइट महान महान गुरु और महान महान अमर हस्तिओं की दयालुता और आशीर्वाद के ज़रिये से संभव हो पाई है। हम सिर्फ एक दासों के दास ,गुलामों के गुलाम है, आपके चरणों के समेत सम्पूर्ण स्रिष्टि की धूल हैं।हम केवल खाद के कीटाणु के गुलाम के बराबर हैं और कुछ भी करने यां लिखने की समर्था नहीं रखते ।यह सब उसकी मंज़ूरी से ही पूर्ण हो रहा है ।

कोई भी किसी दूसरे की बराबरी नहीं कर सकता, सबका भाग्य अद्वितीय ( unique) है, सबकी निष्ठा अद्वितीय (unique) है। हमारी गुरु साहिबान से तुलना नहीं करनी चाहिए।गुरु साहिबान सर्वशक्तिमान्‌ और सम्पूरण ज्ञाता थे ।वह संत-सतगुरु थे और उन्होंने हमे बहुत ही दयालता से गुरबानी के रूप में ब्रह्म ज्ञान की बक्शीश की है।

 जो भी व्यक्ति इस ब्रह्मज्ञान की पालना अपने रोज़ाना जीवन में धारण करता है वह वो ही बन जाता है जैसा की गुरबानी कहती हैं । जो भी कुछ हो रहा है और जैसा भी हो रहा है वह उस परमात्मा की कृपा से ही हो रहा है, होगा और होता रहेगा । हम सिर्फ दासों के दास है,खाद के कीटाणु के भी दास, सारी सृष्टि के पैरों की धूल और कुछ भी लिखने के काबिल नहीं है ।सब कुछ करने वाला वह करता पुरख आप ही है।

हम अपेक्षा करते हैं की आपके सारे प्रशनों के जवाब,आपके संदेह और भ्रम इस वेबसाइट में लिखे लेखों के ज़रिये दूर हो जायेंगे।

परमात्मा आपको गुरु के बख्शे सतनाम की बख्शीश दें,सतनाम के ऊपर ध्यान लगाने , सतनाम के  ऊपर रूहानी मेहनत करने,प्रेममय निष्ठा और इच्छा रहित नि:स्वार्थ सेवा करने का बल बख्शे, उदारता और दरियादिली और सिर्फ नि:स्वार्थ  अभिवृत्ति (attitude)  दें।

दासन दास

दासन दास जी  को आप अपनी आध्‍यात्‍मि‍क प्रगति के बारे में कोई भी सवाल इस वेबपेज के ऊपर दिए हुआ फोरम के ज़रिये यां उनके email dassandas@gmail.com से भेज सकते हैं। आप पंजाबी या हिंदी में इस वेबसाइट के ज़रिये सवाल भेज सकते हैं ।